कर्म भोग-प्रारब्ध






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*एक गाँव में एक किसान रहता था उसके परिवार*
*में उसकी पत्नी और एक लड़का था।कुछ सालों के बाद पत्नी मृत्यु हो गई उस समय लड़के की उम्र दस साल थी किसान ने दुसरी शादी कर ली*।
*उस दुसरी पत्नी से भी किसान को एक पुत्र प्राप्त हुआ।किसान की दुसरी पत्नी की भी कुछ समय बाद मृत्यु हो गई*।
*किसान का बड़ा बेटा जो पहली पत्नी से प्राप्त हुआ था जब शादी के योग्य हुआ तब किसान ने बड़े बेटे की शादी कर दी।फिर किसान की भी कुछ समय बाद मृत्यु हो गई*।
*किसान का छोटा बेटा जो दुसरी पत्नी से प्राप्त हुआ था और पहली पत्नी से प्राप्त बड़ा बेटा दोनो साथ साथ रहते थे*।
*कुछ टाईम बाद किसान के छोटे लड़के की तबीयत खराब रहने लगी*।
*बड़े भाई ने कुछ आस पास के वैद्यों से ईलाज*
*करवाया पर कोई राहत ना मिली।छोटे भाई की दिन पर दिन तबीयत बिगड़ी जा रही थी और बहुत खर्च भी हो रहा था*।
*एक दिन बड़े भाई ने अपनी पत्नी से सलाह की, यदि ये छोटा भाई मर जाऐ तो हमें इसके ईलाज के लिऐ पैसा खर्च ना करना पड़ेगा*।
*तब उसकी पत्नी ने कहा: कि क्यों न किसी वैद्य से बात करके इसे जहर दे दिया जाऐ किसी को पता भी ना चलेगा कोई रिश्तेदारी में भी कोई शक ना करेगा कि बिमार था बिमारी से मृत्यु हो गई*।
*बड़े भाई ने ऐसे ही किया एक वैद्य से बात की आप अपनी फीस बताओ और ऐसा करना*
*मेरे*
*छोटे भाई को जहर देना है*!
*वैद्य ने बात मान ली और लड़के को जहर दे दिया और लड़के की मृत्यु हो गई।उसके भाई*
*भाभी ने खुशी मनाई की रास्ते का काँटा निकल गया अब सारी सम्पति अपनी हो गई*।
*उसका अतिँम संस्कार कर दिया।कुछ महीनो पश्चात उस किसान के बड़े लड़के की पत्नी को लड़का हुआ*!
*उन पति पत्नी ने खुब खुशी मनाई,बड़े ही लाड प्यार से लड़के की परवरिश की गिने दिनो में लड़का जवान हो गया।उन्होंने अपने लड़के की शादी कर दी!*
*शादी के कुछ समय बाद अचानक लड़का बीमार रहने लगा।माँ बाप ने उसके ईलाज के लिऐ बहुत वैद्यों से ईलाज करवाया*।
*जिसने जितना पैसा माँगा दिया सब दिया कि लड़का ठीक हो जाऐ*।
*अपने लड़के के ईलाज में अपनी आधी सम्पति तक बेच दी पर लड़का बिमारी के कारण मरने की कगार पर आ गया*।
*शरीर इतना ज्यादा कमजोर हो गया कि अस्थि पिजंर शेष रह गया था*।
*एक दिन लड़के को चारपाई पर लेटा रखा था और उसका पिता साथ में बैठा अपने पुत्र की ये दयनीय हालत देख कर दुःखी होकर उसकी और देख रहा था!*
*तभी लड़का अपने पिता से बोला, कि भाई! अपना सब हिसाब हो गया बस अब कफन और लकड़ी का हिसाब बाकी है उसकी तैयारी कर लो*।
*ये सुनकर उसके पिता ने सोचा कि लड़के का*
*दिमाग भी काम ना कर रहा बीमारी के कारण और बोला बेटा मैं तेरा बाप हुँ, भाई नहीं*।
*तब लड़का बोला मै आपका वही भाई हुँ जिसे*
*आप ने जहर खिलाकर मरवाया था जिस सम्पति के लिऐ आप ने मरवाया था मुझे*
*अब*
*वो मेरे ईलाज के लिऐ आधी बिक चुकी है आपकी की शेष है हमारा हिसाब हो गया*!
*तब उसका पिता फूट-फूट कर रोते हुवे बोला, कि मेरा तो कुल नाश हो गया जो किया मेरे आगे आ गया पर तेरी पत्नी का क्या दोष है जो इस बेचारी को जिन्दा जलाया जायेगा(उस समय सतीप्रथा थी, जिसमें पति के मरने के बाद पत्नी को पति की चिता के साथ जला दिया जाता था)*
*तब वो लड़का बोला*:-
 *कि वो वैद्य कहाँ, जिसने मुझे जहर खिलाया था*
*तब उसके पिता ने कहा कि आपकी मृत्यु के तीन साल*
*बाद वो मर गया था*।
*तब लड़के ने कहा*  *-कि*
*ये वही दुष्ट वैद्य*
*आज*
*मेरी पत्नी रुप में है मेरे मरने पर इसे*
*जिन्दा जलाया जायेगा*।
*परमेश्वर कहते हैं* *कि*
*तुमने उस दरगाह का*,
*महल ना देखा धर्मराज लेगा*,
*तिल तिल का लेखा*।।N
*एक लेवा एक देवा दुतम*,
*कोई किसी का पिता ना पुत्रम*
*ऋण सबंध जुड़ा है ठाडा*,
*अंत समय सब बारह बाटा* ।।

*एक बेहतरीन प्राप्त संदेश सभी के मनन् के लिये*।
अच्छा लगे तो ही आगे भेजना।
'""कर्मो का फल।""'
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Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

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