अपने अब तक के कार्यकाल में मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार मुक्त सुशासन देने वाली सरकार की छवि जो अर्जित
की वह अर्थव्यवस्था को भी तेजी दे रही है GST इसकी सबसे उम्दा मिसाल है यह कानून सभी राज्यों के वित् मंत्रियो के साथ कई दौर की मैराथन वार्ताओ के बाद अस्तित्व में आया! यु तो 75% बहुमत के साथ विधेयक कानून बन जाता है, लेकिन इसके पक्ष में 100 फीसद समर्थन रहा और मतदान की नौबत ही नहीं आई !
सभी के सहमती से GST का सपना साकार हुआ !
सरकार ने सहकारी संघवाद को मजबूत बनाने के लिए भी तमाम प्रयास किए है ! इस कर्म में एक अनूठा काम किया गया जिसकी किसी राज्यों ने मांग भी नहीं की थी.
केंद्र सरकार के डिविजिबल पुल में राज्य का हिस्सा 32 से बढ़ाकर 42 फीसद कर दिया गया है, इसके साथ ही 7.5 फीसद का प्रावधान स्थानीय निकायों ग्राम पंचायतो को मजबूत करने के लिए भी किया गया ! कुल मिलाकर केंद्र में खजाने में जमा होने वाली रकम 70 से 80% अब राज्य के खाते में जा रही है वितीय मोर्चो पर इतना बड़ा विकेंद्रीकरण पहली बार देखने को मिला है, राज्यों में विश्वाश करना मोदी सरकार की सबसे बड़ी पहल है
सरकार के जनता के विकास के लिए जो अनेक कार्यक्रम शुरू किये उनके मूल में रहे गाँव. गरिब, किसान, जवान, नौजवान,दलित,शोषित,पीड़ीत,वंचित!इन कार्यक्रम के तहत प्रत्येक के जीवन में कुछ न कुछ परिवर्तन करने का काम इस सरकार ने कर के दिखाया है गांव के लिए सड़क भी बनी, बिजली भी आई और विकास के अन्य मदों में पैसा भी अधिक मिलने लगा! ग्रामीण व्यवस्था को भारत की मुख्यधरा से जो ड़ने के लिए अब वह इंटरनेट सहित अन्य सुविधाओ का दायरा बढ़ाया जा रहा है सरकार का पूरा प्रयास है की गांव को शहर जैसी सुविधा मुहैया कराइ जाए!
गरीब के लिए आवास , मनरेगा और अन्य योजनाओ के तहत रोजगार के नए-नए अवसर पैदा करने से लेकर मुद्रा योजना में 3 करोड़ से अधिक राशी मुहैया करने का काम भी मोदी सरकार ने किया है !
किसान के लिए सप्तसूत्र के तहत अब मृदा स्वास्थ्य कार्ड, उपज का बीमा, बेहतर सिंचाई व्यव्स्था, नीम कोटिंग यूरिया उपलब्ध है !
इस के साथ ही किसानो को उपज का अच्छा दाम, आसान ऋण और सामाजिक सुरक्षा सुविधा भी उपलब्धकराई जा रही है ! सरकार का लक्ष्य किसानो के लिए और बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करना है जससे उनकी उत्पादकता बढ़े! इन्ही सप्तसूत्र के आधार पर प्रधानमंत्री ने कहा है की किसानो की आय 2022 तक दुगुनी होगी अब ऐसा होने का विस्वास भी किसानो में जग रहा है
अच्छा गुणवत्ता शिक्षा के लिए हमने सरकारी स्कुल को ही बेहतर बनाने की मुहीम चलाई जहा लोग आपने बच्चो की शिक्षा के लिए आने भी लगे है 4-5 राज्यों ने तो इस पर इतने बेहतर तरीके से अमल किया है की अभिभावकों अब निजी स्कुलो से अपने बच्चो को निकालकर सरकारी स्कुलो में दाखिला करा रहे है खासतौर से ग्रामीण इलाको में यह रुझान खासा मजबूत है
जवानों के लिए 1 रैंक, 1 पेंशन यानि OROP की भी 30-40 वर्षों से लंबित पड़ी मांग को सरकार ने मान लिया उनमे कौशल होना आवश्यक है और इसलिये शिक्षा के साथ उन्हें कुशल बनाने का काम कौशल विकास मंत्रालय ने किया है I
इस के आगे PART-2 कुछ दिनों बाद प्रकाशित होगा
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