भगवान का अर्थ क्या है आये जानते है
सबसे पहले भगवान किसे कहते है
जो इस प्रकार होता है
भगवान
ये रहा इस का अर्थ
भ=भूमि-जिसे धरती कहते है
ग= गगन- जिसे आकाश कहते है
वा=वायु- जिसे हवा कहते है
न=नीर- जिसे पानी कहते है
नोट- अगर इस में से कोई भी शब्दो को निकल दो तो न भगवान रहेगा न इन्सान तो
इस तरह और है इस का अर्थ जो तरह है
भगवान
भगवान में से भ को निकाल दिया जाये तो वो इस तरह हो जायेगा -गवान- यानि धरती नहीं तो इन्सान क्या कोई जीव नहीं रहे गा
भगवान में से ग को निकाल दिया जाये तो वो
इस तरह हो जायेगा- भवान- यानि आकाश ही नहीं तो और प्रणी कैसे रहेगा,
भगवान में से वा को हटा दिया जाये तो वो इस प्रकार हो जायेगा -भगन- यानि वायु ही नहीं रहे तो सोचिये क्या होगा?
अंत में सोचिये पानी ही न रहा तो क्या?
नोट - इस तरह हम ने भगवान को देखा जन समझाI
लेखक -
चंदन कुमार पासवान
कनकपुर
सबसे पहले भगवान किसे कहते है
जो इस प्रकार होता है
भगवान
ये रहा इस का अर्थ
भ=भूमि-जिसे धरती कहते है
ग= गगन- जिसे आकाश कहते है
वा=वायु- जिसे हवा कहते है
न=नीर- जिसे पानी कहते है
नोट- अगर इस में से कोई भी शब्दो को निकल दो तो न भगवान रहेगा न इन्सान तो
इस तरह और है इस का अर्थ जो तरह है
भगवान
भगवान में से भ को निकाल दिया जाये तो वो इस तरह हो जायेगा -गवान- यानि धरती नहीं तो इन्सान क्या कोई जीव नहीं रहे गा
भगवान में से ग को निकाल दिया जाये तो वो
इस तरह हो जायेगा- भवान- यानि आकाश ही नहीं तो और प्रणी कैसे रहेगा,
भगवान में से वा को हटा दिया जाये तो वो इस प्रकार हो जायेगा -भगन- यानि वायु ही नहीं रहे तो सोचिये क्या होगा?
अंत में सोचिये पानी ही न रहा तो क्या?
नोट - इस तरह हम ने भगवान को देखा जन समझाI
लेखक -
चंदन कुमार पासवान
कनकपुर
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