वास्तविक्ता कि पहचान
न मांग कुछ ज़माने से
ये देकर फिर सुनते है
किया एहसान जो एक बार
वो लाख बार जाते है
है जिनके पास कुछ दौलत
समझते है खुदा है हम
तू मांगे अपने प्रभु से
जहाँ मांगने वो भी जाते है
जो सफर की
शुरुआत करते है
वो मंजिल भी पा लेते है,
बस
एक बार चलने का हौसला रखना जरुरी है ,
क्योंकि
अच्छे इंसानों का तो
रास्ते भी इंतजार करते है
लेखक-
चंदन कुमार पासवान
न मांग कुछ ज़माने से
ये देकर फिर सुनते है
किया एहसान जो एक बार
वो लाख बार जाते है
है जिनके पास कुछ दौलत
समझते है खुदा है हम
तू मांगे अपने प्रभु से
जहाँ मांगने वो भी जाते है
जो सफर की
शुरुआत करते है
वो मंजिल भी पा लेते है,
बस
एक बार चलने का हौसला रखना जरुरी है ,
क्योंकि
अच्छे इंसानों का तो
रास्ते भी इंतजार करते है
लेखक-
चंदन कुमार पासवान
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